- अपने मित्र को हिन्दी (देवनागरी) में मेल लिखिये। उसे आश्चर्यचकित करिये।
- किसी हिन्दी समझने वाले के अंगरेजी ब्लाग पर हिन्दी में टिप्पणी लिखिये।
- विभिन्न चरचा समूहों पर हिन्दी के कुछ अति महत्वपूर्ण साइटों के लिंक प्रेषित करके कुछ लोगों की कूपमण्डूकता खत्म कीजिये।
- हिन्दी के पत्र-पत्रिकाओं में सम्पादक के नाम पत्र में इण्टरनेट पर हिन्दी की स्थिति के बारे में बताइये। हिन्दी के कुछ महत्वपूर्ण साइटों की लिंक भी लिख भेजिये।
- अपने मित्रों को हिन्दी इंटरफेस वाला कोई अनुप्रयोग या साफ़्टवेयर चलाकर दिखाइये। उनका अज्ञान्धता मिटाइये।
- हिन्दी प्रेमियों के सामने एक पवित्र लक्ष्य रखा जाय - भारत में जिस प्रकार से प्रिन्ट माध्यमो में हिन्दी का वर्चस्व है, वैसी ही स्थिति अन्तरजाल पर भी निर्मित करनी है।
- उत्साही छात्रों को उनके प्रोजेक्ट के रूप में हिन्दी का कोई टूल विकसित करने का कार्य दीजिये। भारत में इस समय हजारों की संख्या में प्रतिवर्ष इंजीनियरिंग कालेजों में भर्ती हो रही है। जरा गौर कीजिये उनके प्रोजेक्ट कितने सार्थक रहते हैं।
- यह कहने के बजाय कि कम्प्यूटर पर हिन्दी में काम करना सम्भव है और आसान है, किसी को हिन्दी में काम करते हुए बताइये।
- लोगों को ट्रान्सलिटरेशन के कांसेप्ट से अवगत कराइये। उन्हे बताइये कि हिन्दी टाइपिंग के अभ्यास के बिना भी हिन्दी में तेज गति से टाइप किया जा सकता है।
- लोगों को समझाइये कि हमारा कर्तव्य है कि हम दूसरे लोगों से प्राप्त और दूसरी भाषाओं में उपलब्ध जानकरी का उपभोग करें और उसके बदले में अपने लोगों के लिये उनकी भाषा में और अच्छी जानकरी की रचना करें ( इंग्लिश में लें, हिन्दी में लौटायें) । किसे भी समाज के लिये सूचना का केवल उपभोग ठीक नहीं है, सूचना और ज्ञान का सृजन (उत्पादन) करना भी जरूरी है।
अकस्मात , स्वछन्द एवम उन्मुक्त विचारों को मूर्त रूप देना तथा उन्हे सही दिशा व गति प्रदान करना - अपनी भाषा हिन्दी में ।
07 July, 2007
अन्तरजाल पर हिंदी कैसे पसरे ?
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11 comments:
अनुनाद सिंह जी, मैंने आपके सारे सुझाव नोट कर लिये हैं.
बहुत अच्छे सुझाव है.
महत्वपूर्ण सुझाव हैंख् कुछ पर अमल करते हैं बाकी पर भी करेंगे
जिस प्रकार से प्रिन्ट माध्यमो में हिन्दी का वर्चस्व है, वैसी ही स्थिति अन्तरजाल पर भी निर्मित करनी है।
इस संकल्प में हम भी आपके साथ हैं.
मैं भी बिल्कुल आपकी तरह ही सोचता हूँ कि इंटरनैट पर हिन्दी को बढ़ावा देने में ये छोटे-छोटे कदम भी कारगर साबित हो सकते हैं और कमाल की बात ये है कि इनमें से कईयों को मैं उपयोग करता भी हूँ।
बेहतरीन सुझाव हैं, भाई. बधाई.
मुझे पूरा यक़ीन है कि अनुनाद इन पर अमल करते हैं ,इसलिए मेरे यह सुझाव और महत्वपूर्ण हैं । आभार।
बहुत अच्छे सुझाव हैं।
नमस्कार अनुदान जी आप बहुत ही अच्छा काम कर रहे हैं और मैं भी इसमे अपना कुछ योगदान करना चाहता हूँ. मैं भी अपनी भाषा हिंदी से बहुत प्रेम करता हूँ और 8 महीने पेहले मुझे 1 साइट मिली जिसमे अगर मैं रोमन मैं लिखता हूँ तो मुझे वो देवनागरी मैं बदल के मिल जाता है और इसके द्वारा अंतरजाल मैं हिंदी मैं साइट्स भी ढूँड सकते हैं...... http://www.quillpad.com/hindi/
अच्छे लगे आपके सुझाव। हम भी कुछ ऐसा ही करने की सोच रहे है।
बहुत ही उपयोगी सुझाव हैं और इनमें से अधिकाश सुझावों को मै पहले ही से अमल मे ला रह हूँ। लगभग एक साल से जब मैने अंग्रेजी ब्लाग को छोडकर हिन्दी मे लिखना शुरु किया तो अहिन्दी प्रदेशों के मेरे कुछ साथी चिकित्सकों की प्रतिक्रिया बहुत अच्छी नही थी । एक आध ने मुझसे यह भी कहा कि आप हिन्दी को लेकर बहुत अधिक obsessive दिखते हॊ , जबाब मे मैने उनको बस इतना ही लिखा कि यही शुरुआत आप अपनी मातृभाषा के साथ भी कर सकते हो । आरकुट मे अधिकाशं चिकित्सकों की बहुत बडी कम्यूनिटी है , अब मै देखता हूँ कि मेरे ब्लाग मे काफ़ी ट्रैफ़िक इन्ही साइट से आता है ।
अधिकाशं मेल का अदान -प्रदान चाहे अहिन्दी भाषा
वाले प्रदेशों से ही रहा हो , मैने हिन्दी मे करना शुरु किया और बगैर किसी झंझट के मुझे response मिले । आप का कहना बिल्कुल सही है , बस हममे चाहिये एक दृढ इच्छा-शक्ति अपनी मातृभाषा को ऊँचाईयों तक ले जाने की ।
बहुत अच्छे सुझाव है.
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