26 April, 2005

भारतीय भाषाओं को दयानिधि का वरदान

रविशंकर भाई पिछले सप्ताह एक समाचार को लेकर निराश हो रहे थे ( तमिल हँसे , हिन्दी रोये ) । अब खुश होने की बारी है । दयानिधि सबको एक दृष्टि से देखते है । उनका यह कदम भारतीय भाषाओं में कम्प्यूटिंग के क्षेत्र मे एक छोटा किन्तु सकारात्मक और प्रगामी कदम है ..

1 comment:

विजय ठाकुर said...

मारन साहब को कुछ यूनिकोड के बारे में भी बतानेवाला होना चाहिए