19 August, 2008

ज्ञान केवल अंग्रेजी की बपौती नहीं है

महाभारत के बारे में कहा जाता है कि "यद् इहास्ति तद् अन्यत्र, यद् इहास्ति तद् क्वचिद" (जो यहाँ है वह अन्यत्र हो सकता है, लेकिन जो यहाँ नहीं है वह कहीं नही है) यह बात शायद धर्म के बारे में कही गयी है। किन्तु इसी तरह का वक्तव्य कुछ लोग अंग्रेजी के बारे में भी उवाचते हुए मिल जाते हैं। ऐसे लोगों के इस भ्रम की दवा गूगल अनुवाद है। आइये देखें, कैसे ?

अधिकांश लोगों को पता होगा कि विकिपीडिया के लेख सैकड़ों भाषाओं में हैं - अंग्रेजी, जर्मन, फ़्रेंच, हिन्दी आदि। आप अपने पसन्द के किसी टापिक पर पहले अंग्रेजी में लेख देखिये। इसके बाद फ़्रेंच, जर्मन आदि में भी उस टापिक पर लेख देखिये। (इसके लिये बांये तरफ़ लिंक मिल जाते हैं।) यदि आपको इन भाषाओं में लिखा नहीं समझ आता है तो कोई बात नहीं - गूगल अनुवादक का सहारा लीजिये। इन्हे अंग्रेजी या हिन्दी में अनुवाद करके पढ़िये। गूगल अनुवादक आजकल इतना कारगर तो हो ही गया है कि विषय के औसत जानकर को सब बातें समझ में जाती हैं। इस प्रयोग से आप पायेंगे कि एक-दो भाषाओं में अवश्य ही ऐसा कुछ है जो अंग्रेजी में उपलब्ध नहीं है - कभी कोई चित्र, कभी कोई उपशीर्षक, कभी कोई समीकरण, कभी कोई चार्ट, कभी प्रस्तुतीकरण की अलग शैली, कभी कोई भिन्न
दृष्टिकोण यही गूगल अनुवादक का असली योगदान है जो हमें अंग्रेजी के कुएँ से भी बाहर झांकने की सुविधा देता है।

मै इस प्रयोग का बहुतायत में प्रयोग करता रहता हूँ। हिन्दी विकिपीडिया पर लेख लिखते समय इसका भरपूर उपयोग करता
हूँ।

6 comments:

Gyan Dutt Pandey said...

इस टिप के लिये धन्यवाद।
मैं देखता हूं कितनी सफलता से अन्य भाषाओं का लिखा पढ़/समझ पाता हूं।

Udan Tashtari said...

धन्यवाद..

Arvind Mishra said...

शुक्रिया ....

Dr Prabhat Tandon said...

अभी हिन्दी मे अनुवाद दोषपूर्ण हैं लेकिन यह भी सच है कि यह एक आंरभिक अवस्था मे है । मै अक्सर जरमन साईट पर जाकर अंग्रेजी मे अनुवाद पढता हूँ जिसके अनुवादों मे मुझे जरा सी भी दिक्कत नही होती । आगे हिन्दी अनुवादों मे भी यह क्रांति होगी , ऐसी उम्मीद की किरण दिखती है ।

anilpandey said...

dhanyawad sahab aisa kuchh btanen ke liye . pr kyal rhe ki aisa kah kr wa krke to hm angregee ke bhoot se peechha tow chhudwa sakate hain pr isakee jo bhatakti aatma hai usaka bhi koi ilaj hai?

Gali-koocha said...

Sir maine aapka blog pada. AApne hindi ki mahatta ke bare me jo likha hai vah bilkul sahi hai. bhavishy me isi tarah utsah badhaen.