12 March, 2008

टिडलीविकी और हिन्दी-जगत के लिये उसकी उपयोगिता

विकीपीडिया एक महान और मुक्तज्ञानकोष है, किन्तु उसके साथ समस्या यह है कि बिना अनतरजाल से जुड़े उसका उपयोग नहीं किया जा सकता। इसके अतिरिक्त आजकल कम्प्यूटर पर विश्वकोष आ गये हैं जिनकी उपयोगिता पुस्तक रूप में प्रिन्ट की गयी इनसाइक्लोपीडिया से कहीं बहुत अधिक है। दुर्भाग्य से अभी तक हिन्दी में आफलाइन उपयोग के लिये कोई विश्वकोष उपलब्ध नहीं है जबकि अंग्रेजी में एनकार्टा और अन्य अनेक कम्प्यूटरी विश्वकोष उपलब्ध हैं।

मेरे विचार से हिन्दी में आफलाइन उपयोग के लिये विश्वकोष की कमीम को टिडलीविकी नामक विकि पूरा कर सकती है। ऐसा इसलिये सम्भव है क्योंकि इसे आनलाइन और आफलाइन दोनो ही उपयोग किया जा सकता है। साथ ही एक विकी में समाहित लेखों को दूसरी विकी में आसानी से कापी करके बड़ा ज्ञानकोष बनाया जा सकता है। इस प्रकार बहुत से लोगों के योगदान को मिलाकर एक वृहद विश्वकोष या बहुत से लघुकोष बनाना असान काम है।

परिचय:

टिडलीविकी (Tiddlywiki) एक विकि है जो एक ही एचटीएमएल फाइल (CCS एवं जावास्क्रिप्ट सहित) में सब कुछ समेटे हुए होती है। विशेष बात यह है कि यह फाइल स्वयं सम्पादन-योग्य भी है। इस विकी को बिना अन्तरजाल से जुडे भी प्रयोग किया जा सकता है। जेरेमी रस्टन (Jeremy Ruston ) इसके रचनाकार हैं। इसे निजी नोटबुक के रूप मेंप्रयोग किया जा सकता है।

जब कोई इसे अपने कम्प्यूटर पर उतारकर (download) इसका उपयोग करता है तो यह प्रविष्ट की गयी नयी सूचना को हार्ड डिस्क पर जतन (save) कर सकती है। इसके लिये यह स्वयं अपने पुराने रूप को मिटाकर नये रूप में लिख (overwrite) लेती है।

टिडलीविकी का अनेक भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। इसके अनेक रुपान्तर (adaptations) मौजूद हैं। इसके लिये बहुत सारे 'प्लग-इन', मैक्रो आदि उपलब्ध हैं। टिडलीविकी का 1.2.23 संस्करण आने के बाद इसका रुपान्तर बनाने के लिये इसके कोड में परिवर्तन नहीं करना पडता बल्कि यह काम 'प्लग-इन' की सहायता से किया जाता है।

मुख्य विशेषताएँ

१) इसे इन्स्टाल नहीं करना पडता। यह प्रमुख आपरेटिंग सिस्टम्स (विन्डोज, लिनक्स, मैकिन्टोश) पर अधिकांश आधुनिक ब्राउजरों (फायरफाक्स, इन्टरनेट इक्सप्लोरर, ओपेरा आदि) को सपोर्ट करती है। इसका आकार (साइज) छोटा है। इसलिये इसे यह निजी चल विकी (portable personal wiki.) की तरह प्रयुक्त हो सकती है।

२) छोटा आकार (साइज) - आसानी से डाउनलोड/अपलोड किया जा सकता है।

३) मुक्तस्रोत (ओपेनसोर्स) - इसको अपनी आवश्यकता के अनुसार बदलकर उपयोग में लाया जा सकता है। इसी लिये इसके अनेकों परिवर्तित रूप (adaptations) बन गये हैं।

४) परम्परागत विकियों के विपरीत, मूल टिडलीविकी पूर्णतः क्लाएंट-साइड अनुप्रयोग है, इसलिये इसपर काम करने के लिये अन्तरजाल से जुड़े होना जरूरी नहीं है। (अब टिडलीविकी के ऐसे रूपान्तर भी आ गये हैं जो सर्वर-साइड अनुप्रयोग हैं।)

५) यह हाइपरटेक्स्ट एचटीएमएल फाइल है जिसे वेबसर्वर पर पोस्ट क्या जा सकता है; इमेल से किसी दूसरे को भेजा जा सकता है; पेन-ड्राइव पर भण्डारण किया जा सकता है; इसे अपलोड करके किसी समूह में या अन्त्तरजाल पर 'शेयर' किया जा सकता है।

६) इसकी रचना इस प्रकार की गयी है कि यह रेखीय, क्रमागत या हाइरार्किकल पठन के बजाय हाइपरलिंकिङ् पर आधारित अरेखीय पठन को प्रोत्साहित करती है।

७) स्वानुकूलन : टिडलीविकी को अपनी आवश्यकता के अनुरूप बनाना बहुत आसान है। टिडलीविकी के 1.2.22 संस्करण आने के बाद इसके रुपान्तर (adaptations) बनाना अब अत्यन्त सरल हो गया है। अब कोड में परिवर्तन के बजाय यह कार्य 'प्लग-इन' बनाकर किये जाते हैं।

८) टिडलीविकी मुख्यतः लघु सामग्री (माइक्रो-कन्टेन्ट) के लिये अधिक उपयुक्त है। विशाल सामग्री के लिये यह उतनी अच्छी नहीं है।

प्रमुख उपयोग

  • किसी उत्पाद, साफ्टवेयर आदि के लिये एक बढिया मैनुअल अथवा दस्तावेज प्रबन्धक (documentation manager) की तरह
  • इसकी सहायता से बेहतरीन प्रायः पूछे गये प्रश्न ( FAQ ) बनाया जा सकता है।
  • अपना निजी विश्वकोश या डिक्शनरी बनाने के लिये भी प्रयोग कर सकते है।
  • इसको शेष-कार्य (to do list) बनाने के लिये उपयोग किया जा सकता है। ( इसके लिये हर शेष-कार्य के लिये एक टिडलर (tiddlers.) बनाया जा सकता है।)
  • कुछ लोग इसे चिट्ठा (ब्लाग ) के रूप में उपयोग करते है।
  • कुछ लोग इसे वेबसाइट के रूप में इस्तेमाल करते हैं।
  • यदि आपका डेस्कटॉप छोटे-छोटे टेक्स्ट फाइलों, चेतावनियों (रिमाइंडर्स) और नोट आदि से भरा हुआ है तो यह उन्हे सरलता से और बेहतर ढंग से स्टोर कर सकता है।


उपयोगी कड़ियाँ

4 comments:

Srijan Shilpi said...

शुक्रिया अनुनाद भाई, इस उपयोगी जानकारी के लिए।

उन्मुक्त said...

अच्छी सूचना है।

Raji Chandrasekhar said...
This comment has been removed by a blog administrator.
Unknown said...

आपकी वाणी पर की गयी टिपण्णी पढी.. मैं पूरुइ कोशिश करूंगा की वाणी एक नया ब्लोग बनाये जिसमे मुख्यतया कंप्यूटिंग नेट्वोर्किंग और ब्लॉग्गिंग सम्बन्धी जानकारी हो...
देर से उत्तर के लिए क्षमा ...