28 December, 2007

काव्यकारी में सहायक दो प्रोग्राम


कम्प्यूटर प्रोग्रामों के रूप में भाषा तकनीक सभी भाषाओं की तरह-तरह से सहायता कर रही है। इससे भाषाओं में नये आयाम जुड़ रहे हैं। कहा जा रहा है कि भाषा तकनीक के क्षेत्र में अपार संभावनायें हैं और इन सम्भावनाओं के फलीभूत होने पर भाषा-संसार में क्रान्तिकारी परिवर्तन होंगे और भाषा-संसार की कायापलट हो जायेगी।


इसी को ध्यान में रखते हुए मैने भी दो प्रोग्राम विकसित किये हैं। पहला प्रोग्राम देवनागरी के शब्दों को बायें से दायें या दाये से बायें क्रम में शाटन (सार्टिंग) करता है। इसमें दायें से बायें क्रम में शाटन कवियों के लिये बहुत उपयोगी और सहायक होगा। इसकी सहायता से तुकान्त शब्दों की सूची बनायी जा सकती है। कहने की आवश्यकता नहीं है कि कविता में तुकान्त शब्दों का कितना महत्व है।


दूसरा प्रोग्राम किसी कविता की प्रत्येक पंक्ति में मात्राओं की संख्या की गणना करने का काम करता है। मात्राओं की संख्या के सही होने से ही कविता में गेयता आती है। दोहा, चौपाई, सोरठा, कुंडलिया आदि छन्दों के प्रत्येक चरण में मात्राओं की संख्या नियत होती है। जैसे ही मात्रा कम या अधिक होती है, कविता खटकने लगती है। इस प्रकार यह प्रोग्राम फटाफट मात्राओं की गणना करके अमूल्य समय की बचत कर सकती है और उन चरणों की ओर इशारा कर सकती है जिनमें संशोधन की आवश्यकता है।


निवेदन है कि हिन्दी-प्रेमी इन प्रोग्रामों को परखें और अपना सुझाव और प्रतिक्रिया दें।

देवनागरी क्रमक

मात्रा गणक



3 comments:

Anonymous said...

महत्वपूर्ण,नेक और सार्थक।

Srijan Shilpi said...

वाह, अनुनाद जी। बहुत उपयोगी होगा। कवि लोग आपको याद रखेंगे इस नेक काम के लिए। कविता में तुक और छंद की बहार आ जाएगी अब तो।

परीक्षण करके बताता हूँ। हालांकि अपने को कविता की उतनी तमीज़ नहीं है।

रवि रतलामी said...

बहुत अच्छे :)

बहुत पहले मैंने अंग्रेजी का एक प्रोग्राम देखा था जिसमें कुछ विशेष पाठ और शब्दों के जरिए वो कविताएँ जेनरेट करता था.

तो आपसे आग्रह है कि कोई ऐसा भी प्रोग्राम हिन्दी के लिए बनाएँ. दिए गए एक पैरा के पाठ या कोई दो तीन सौ शब्दों को तरतीब-बेतरतीब से जमाकर वो धांसू कविता लिख दे...