22 January, 2005

अथ प्रतिभास लेखनम

हिन्दि चिट्ठाकारों की लगन देखकर मै भी अपना चिट्ठा लिखने के लिये उत्साहित हुआ हुं.
तो आज से लिखना चालू...

1 comment:

Unknown said...

आपका स्वागत है। मातृभाषा में लिखने का मज़ा ही अलग है।