09 August, 2007

देवनागरी लिपि अपनायें


देवनागरी लिपि वैज्ञानिक, हम इसको अपनायें।

भाषाएँ अनेक भारत में,
जिनकी लिपियाँ न्यारी।
देवनागरी लिपि सर्वोत्तम,
लगती कितनी प्यारी ।।

हम सब इसको प्रतिष्ठित करने का अभियान चलायें।
देवनागरी लिपि प्रतिष्ठित, हम इसको अपनाएँ।।

स्वर, व्यंजन परिमार्जित प्रांजल,
लेखन-शैली सुन्दर ।
शब्दों का उत्तम संयोजन,
रूप विशेष मनोहर ।।

जैसा खाता लिखा उसी विधि, इसको पढ़ें-पढ़ायें ।
देवनागरी लिपि प्रतिष्ठित, हम इसको अपनाएँ।।

भारतीय भाषाएं सारी,
इसे राष्ट्र-लिपि माने।
भारतीय सब लिखें इसी में,
इसके गुण को जानें ।।

ध्वनि, वर्तनी और उच्चारण में विशेषता पायें ।
देवनागरी लिपि प्रतिष्ठित, हम इसको अपनाएँ।।

टंकण और आशुलिपि की भी,
इसमें अद्भुत क्षमता ।
संगणकों के लिये श्रेष्ठ है,
कौन कर सके समता ?

जान सकेंगे इसके द्वारा, हम समस्त भाषाएँ ।
देवनागरी लिपि प्रतिष्ठित, हम इसको अपनाएँ।।

दीर्घ-काल से हिन्दी-संस्कृत,
लिखीं इसी में जातीं
भारतीय जनता इस लिपि की,
महिमा-गरिमा गाती ।।

जन-जन में हम इसे लोक-प्रिय, करके यंत्र बनायें ।
देवनागरी लिपि प्रतिष्ठित, हम इसको अपनाएँ।।

-- विनोद कुमार पाण्देय 'विनोद'
सी-१०, सेक्टर - जे, अलीगंज, लकनऊ (उ. प्र.)


(नागरी संगम पत्रिका से साभार अनुकृत)

8 comments:

हरिराम said...

ध्वनिविज्ञान की दृष्टि से नागरी लिपि संसार की श्रेष्ठतम लिपि है, किन्तु कम्प्यूटर संसाधन/तकनीकी दृष्टि से यह "क्लिष्टतम" लिपियों में से एक है।

जबकि मूलतः यह अंग्रेजी से भी अधिक सरल, सपाट और तकनीकी अनुकूल थी।

Sanjay Tiwari said...

कुछ हिन्दी के चिट्ठाकार अपनी हेडिंग अंग्रेजी लिपी में देते हैं. आशा है आपकी कविता पढ़ उनका वाचा फूटेगा.

Anonymous said...

कविता सुंदर है, शब्द और विन्यास की दृष्टि से भी. परन्तु मैं कवि की इस बात से सहमत नहीं हूं:

"जिनकी लिपियाँ न्यारी।
देवनागरी लिपि सर्वोत्तम"

हमारे देश में (और अन्य देशों में भी) बहुत सुन्दर और वैज्ञानिक दृष्टि से सशक्त लिपियां हैं. किसी लिपि विशेष को सर्वोत्कृट कहना ठीक नहीं है.

ePandit said...

सही कहा, देवनागरी स‌ंसार की प्राचीनतम और श्रेष्ठतम लिपि है।

अनूप शुक्ल said...

बढ़िया है! हम लिखते हैं न देवनागरी में।

Shastri JC Philip said...

करना होगा हम सब को
कुछ न कुछ, प्रचार
देवनागरी के प्रचार के लिये.
नहीं तो अंग्रेजी निकाल बाहर
फेंक देगी
हिन्दी को
दो या तीन पीढियों में,
जब "इंगलिस मीडियम"
पढे आज के बच्चे होंगे
देश के कल के कर्णधार.

-- शास्त्री जे सी फिलिप

हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है
http://www.Sarathi.info

Anonymous said...

ભાષાએઁ અનેક ભારત મેં,
જિનકી લિપિયાઁ ન્યારી|
શિરોરેખા મુક્ત ગુજરાતી લિપિ સર્વોત્તમ,
લગતી કિતની પ્યારી ||
ભારતીય ભાષાએં સારી,
ઇસે રાષ્ટ્ર-લિપિ માને|
ભારતીય સબ લિખેં ઇસી મેં,
ઇસકે સરલ ગુણ કો જાનેં ||
ભલે દીર્ઘ-કાલ સે હિન્દી-સંસ્કૃત,
લિખીં ઇસી મેં જાતીં |
ભારતીય જનતા ઇસ સરલ લિપિ કી,
મહિમા-ગરિમા ગાતી ||

Anonymous said...

"जिनकी लिपियाँ न्यारी।
देवनागरी लिपि सर्वोत्तम"

Why no one praises Brahmi script?

Sounds are universal but not the symbols !

A beauty is in the eyes of beholder!

In the past masses had no right to learn this Devanagari script.Why learn it now?

See how Brahmi Lipi resembles Roman Script.
http://www.omniglot.com/writing/brahmi.htm