09 July, 2006

चुटकुलों की गूँज : २१वीं अनुगूँज

Akshargram Anugunj

१) एक गाँव से होकर एक बारात जा रही थी। मोटा काला दूल्हा हाथी पर बैठा था। उसे देखकर गाँव के बच्चे उसके पीछे लग गये और शोर करते हुए चलने लगे। गुस्सा होकर दूल्हे ने कहा, "क्या पीछे-पीछे चले आ रहे हो , हाथी नहीं देखा है ?"
बच्चों ने कहा, "हाथी तो बहुत देखा है, लेकिन हाथी के उपर हाथी नहीं देखा। "

२) एक पहलवान की शादी हुई। सुहागरात को धीरे से बीबी के कमरे में घुसे। बीबी घूँघट काढे हुए सम्भल कर पलंग पर बैठी रही। पहलवान जी को कुछ भी नही सूझा। उन्होने पलंग का एक चक्कर लगाया, फिर दूसरा चक्कर लगाया, फिर तीसरा चक्कर लगाया, और फिर चौथा लगाया; पर कुछ भी नही हुआ।
पाँचवाँ चक्कर लगाने के बाद पहलवान जी बोले, "पंजा लडायेगी ?"

३) एक बहरे ने किसी दूसरे बहरे को कहीं से आते देख पूछा, "बाजार से आ रहे हो?"
दूसरा बहरा : नहीं, बाजार से आ रहा हूँ।
पहला बहरा : ओह ! मैने समझा बाजार से आ रहे हो।

४) एक सरदार जी अपनी पत्नी और छोटी बच्ची के साथ खरीदारी करने निकले। बच्ची ने पपीता देखकर कहा, "पापा पपीता खरीद दीजिये।" सरदार जी ने कहा, "अरे ये कोई पपीता है, ये तो पपीती है; पपीता तो अपने पंजाब में होता है।" आगे चलकर बच्ची को सन्तरा दीखा। बच्ची ने फिर कहा, "पापा सन्तरा खरीद दीजिये।" सरदार ने फिर वही दोहराया, "अरे यह कोई सन्तरा है, ये ते सन्तरी है ; सन्तरा तो अपने पंजाब में होता है।" कुछ और आगे चलने के बाद बच्ची को केला दीखा। बच्ची ने अब केला खरीदने का आग्रह किया। सरदार जी ने फिर वही रवैया अपनाया और बोले," अरे ये कोई केला है, ये तो केली है; केला तो अपने पंजाब में होता है।"
इस बार सरदार जी की पत्नी आपे से बाहर हो गयी। बोली, "चुप रह बेटी ! ये कोई पापा हैं, ये तो पापी हैं ; पापा तो अपने पंजाब में हैं "

५) एक नवविवाहिता को अंगरेजी सीखने का शौक चर्राया तो पडोस के एक मास्टर साहब से अंगरेजी सीखने लगी। मास्टर साहब ने पहले ही दिन बता दिया कि अपनी बोलचाल में अधिक से अधिक अंगरेजी का इस्तेमाल करो तो अंगरेजी जल्दी सीख जाओगी। एक दिन जब पत्नी थोडा देर से घर पहुँची तो पति ने झल्लाकर पूछ लिया, "अभी तक क्या कर रही थी?"
पत्नी ने कहा, "अरे गुस्सा क्यों होते हो? एस्से लिखने के बाद मास्टर साहब से करप्शन कराने चली गयी थी।"

६) एक गंजे ने किसी नाई से बाल कटवाया। उसने बाल कटवाने के बाद नाई से पूछा, "कितने पैसे हुए?" नाई ने बीस रूपये बताये आश्चर्य करते हुए आदमी ने कहा, "क्यों? सबसे तो पन्द्रह रूपये ही लेते हो, हमसे पाँच रूपये ज्यादा क्यों?"
नाई ने कहा, "पाँच रूपये बाल खोजने के हैं, बाकी काटने के। "

७) एक धोबी का गदहा देर रात तक चरकर घर नहीं आया तो धोबी उसको अंधेरे गाँव मे ढूढने लगा । ढूढते-ढूढते उसे एक टूटी झोपडी के अन्दर अंधेरे में कुछ सुगबुगाहट सुनाई दी। वह झोपडी के एक कोने में बैठ कर आहट लेने लगा। उस झोपडी में एक लडका किसी लडकी के साथ भिडा हुआ था।
चरमोत्कर्ष पर पहुँच कर लडके ने पूछा, "कैसा लग रहा है?"
लडकी बोली, "तीनो लोक दिखाई पड रहे हैं।"
धोबी चौंककर बोला, "जरा देखना मेरा गदहा कहाँ है?"

1 comment:

रवि रतलामी said...

हा हा हा..

मज़ेदार चुटकुले हैं.

धन्यवाद.

पर जरा ज्यादा मज़ा चाहिए. आपसे तो विशेष आग्रह किया जा सकता है - अनुनाद भाई, कम से कम सौ-पचास लतीफ़े तो सुनाएँ.