13 July, 2006

२१वीं अनुगूँज : चुटकुलों की गूँज-2

Akshargram Anugunj
१)एक अरबी शेख भारत आया। यहाँ उसे तैराकी सीखने की तीव्र इच्छा हुई। बडे उत्साह के साथ तालाब तक आया। अति उत्साह में तालाब के किनारे उसका पैर फिसल गया और कुछ चोट भी लग गयी। इस पर गुस्सा होकर बोला,"जब तक तैरना नहीं सीख जाता, तब तक पानी में पैर नहीं डालूँगा।"

२)किसी सरदार जी ने एक छोटी लडकी से शादी की क्योंकि किसी ने बताया था कि छोटी चीज की समस्यायें भी छोटी होती हैं

३)एक सरदार जी को यह बात कभी समझ में नहीं आयी कि कैसे उनका एक ही भाई है जबकि उनकी बहन के दो भाई हैं।

४)एक सरदार जी ने सडक के किनारे केले का छिलका देखा। बोल उठे,"ओह! आज फिर गिरना पडेगा।"

५)अगले दिन उन्होने दो छिलके देखे। सोचने लगे,"इस पर गिरूँ या उस पर?"

६) और उसके अगले दिन बहुत से छिलके देखे। पत्नी को फोन करके बताया,"आज घर देर से आऊँगा।"

७)जार्ज बुश : 'असम्भव' शब्द मेरी डिक्शनरी में नहीं है
सरदार जी : तो डिक्शनरी देख के लेना चाहिये था।

८) एक बार बिजली गयी हुई थी।
सन्ता : अरे यार बन्ता, जरा पंखा चलाना ! बडी गरमी हो रही है।
बन्ता : कर दी ना सरदारों वाली बात! पंखा लगाउँगा तो मोमबत्ती बुझ ना जायेगी?

९) ग्राहक : इस शीशे की गारैन्टी क्या है?
सरदार : ९९ प्रतिशत अगर सौ फीट से नीचे फेकोगे तो निन्यानबे फीट तक कुछ नहीं होगा।

१०) किसी रंगीन मिजाज वाले तमिलभाषी को क्या कहेंगे? रंगराजन!

2 comments:

संजय बेंगाणी said...

:-)

रवि रतलामी said...

वाह भाई, लाजवाब चुटकुले हैं.