11 August, 2005

१२वीं अनुगूँज : सुभाषितों की दूसरी खेप

विद्या / बुद्धि / ज्ञान / शिक्षा /

जिसके पास बुद्धि है, बल उसी के पास है ।
(बुद्धिः यस्य बलं तस्य )
-- पंचतंत्र

ज्ञान प्राप्ति से अधिक महत्वपूर्ण है अलग तरह से बूझना या सोचना ।
--डेविड बोम (१९१७-१९९२)

सत्य की सारी समझ एक उपमा की खोज मे निहित है ।
-- थोरो

प्रत्येक व्यक्ति के लिये उसके विचार ही सारे तालो की चाबी हैं ।
-- इमर्सन

वही विद्या है जो विमुक्त करे । (सा विद्या या विमुक्तये )

विद्या के समान कोई आँख नही है । ( नास्ति विद्या समं चक्षुः )

खाली दिमाग को खुला दिमाग बना देना ही शिक्षा का उद्देश्य है ।
- - फ़ोर्ब्स

अट्ठारह वर्ष की उम्र तक इकट्ठा किये गये पूर्वाग्रहों का नाम ही सामान्य बुद्धि है ।
-- आइन्स्टीन

कोई भी चीज जो सोचने की शक्ति को बढाती है , शिक्षा है ।

संसार जितना ही तेजी से बदलता है , अनुभव उतना ही कम प्रासंगिक होता जाता है । वो जमाना गया जब आप अनुभव से सीखते थे , अब आपको भविष्य से सीखना पडेगा ।

गिने-चुने लोग ही वर्ष मे दो या तीन से अधिक बार सोचते हैं ; मैने हप्ते में एक या दो बार सोचकर अन्तर्राष्ट्रीय छवि बना ली है ।
-- जार्ज बर्नार्ड शा

दिमाग जब बडे-बडे विचार सोचने के अनुरूप बडा हो जाता है, तो पुनः अपने मूल आकार में नही लौटता । --

जब सब लोग एक समान सोच रहे हों तो समझो कि कोई भी नही सोच रहा । -- जान वुडेन

पठन तो मस्तिष्क को केवल ज्ञान की सामग्री उपलब्ध कराता है ; ये तो चिन्तन है जो पठित चीज को अपना बना देती है ।
-- जान लाक

एकाग्र-चिन्तन वांछित फल देता है ।
- जिग जिग्लर

शब्द विचारों के वाहक हैं ।

शब्द पाकर दिमाग उडने लगता है ।

दिमाग पैराशूट के समान है , वह तभी कार्य करता है जब खुला हो ।
-- जेम्स देवर

अगर हमारी सभ्यता को जीवित रखना है तो हमे महान लोगों के विचारों के आगे झुकने की आदत छोडनी पडेगी । बडे लोग बडी गलतियाँ करते हैं ।
-- कार्ल पापर

सारी चीजों के बारे मे कुछ-कुछ और कुछेक के बारे मे सब कुछ सीखने की
कोशिश करनी चाहिये ।
-- थामस ह. हक्सले


कार्य-आरम्भ / क्रिया / कर्म /

जो क्रियावान है वही पण्डित है । ( यः क्रियावान् स पण्डितः )

जीवन की सबसे बडी क्षति मृत्यु नही है । सबसे बडी क्षति तो वह है जो हमारे अन्दर ही मर जाती है ।
-- नार्मन कजिन

आरम्भ कर देना ही आगे निकल जाने का रहस्य है ।
- सैली बर्जर

जो कुछ आप कर सकते हैं या कर पाने की इच्छा रखते है उसे करना आरम्भ कर दीजिये । निर्भीकता के अन्दर बुद्धि, शक्ति और जादू होते हैं ।
-- गोथे

छोटा आरम्भ करो , शीघ्र आरम्भ करो ।

प्रारम्भ के समान ही उदय भी होता है । ( प्रारम्भसदृशोदयः )
-- रघुवंश महाकाव्यम्

पराक्रम दिखाने का समय आने पर जो पीछे हट जाता है , उस तेजहीन का पुरुषार्थ सिद्ध नही होता ।

यो विषादं प्रसहते विक्रमे समुपस्थिते ।
तेजसा तस्य हीनस्य पुरुषार्थो न सिद्धयति ॥
- - वाल्मीकि रामायण


शुभारम्भ, आधा खतम ।

हजारों मील की यात्रा भी प्रथम चरण से ही आरम्भ होती है ।
-- चीनी कहावत

सम्पूर्ण जीवन ही एक प्रयोग है । जितने प्रयोग करोगे उतना ही अच्छा है ।
-- इमर्सन

सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि आप चौबीस घण्टे मे कितने प्रयोग कर पाते है ।
-- एडिशन

यदि सारी आपत्तियों का निस्तारण करने लगें तो कोई काम कभी भी आरम्भ ही नही हो सकता ।

एक समय मे केवल एक काम करना बहुत सारे काम करने का सबसे सरल तरीका है ।
-- सैमुएल स्माइल

1 comment:

Laxmi said...

anunad ji,

achchhaa sankalan hai subhaashito.N kaa. mere blog par comment daalane ka liye aur usake bhii puurva blog shuruu karane kaa vichaar dene ke liye bahut dhanyawaad.

laxminarayan