12 September, 2008

हिन्दी सशक्तिकरण के सरल सूत्र

हिन्दी दिवस पर हिन्दी के बारे में लोगों के विचार पढ़कर लोगों की हिन्दी से घनिष्ट सम्बन्ध साफ-साफ़ दिख रहा है। मैं भी इस अवसर पर कुछ कहना चाहूँगा:

१) इतिहास से सीखा है की उतार-चढाव होते रहते हैं ; आशा रखो, कर्मरत रहो, धीरज रखो । स्थिति बदल कर रहेगी; भारत हिन्दीमय होकर रहेगा।

२) हिन्दी को कर्ता, कर्म और करण चाहिये

हिन्दी कर्म - हिन्दी में गोष्ठियां हों; हिन्दी में विविध विषयों पर चर्चा के लिए समूह बनें; हिन्दी विकिपेडिया को समृद्ध बनाया जाय; हिन्दी चिट्ठाकारी से और अधिक लोगों को जोड़ा जाया; इसमे विषयों की विविधता और गहराई का समावेश किये जाय; अन्तरजाल को उपयोगी हिन्दी सामग्री से भर दिया जाय। हिन्दी यहाँ भी राज करे।

हिन्दी करण - हिन्दी/देवनागरी के लिये उपयोगी सॉफ्टवेयर, हिन्दी एवं देवनागरी में समर्थ टूल , मोबाइल पर हिन्दी टूल आदि

हिन्दी कर्ता - अधिकाधिक लोगों को हिन्दी से जोड़ने की जरूरत है। पत्रकार, विद्यार्थी, अध्यापक, साहित्यकार , इंजीनियर , डाक्टर , वैज्ञानिक, किसान, राजनेता सब जुडें। अपने-अपने क्षेत्र के जितने ही प्रतिभाशाली लोग हिन्दी से जुडेंगे, हिन्दी का कल्याण उतना ही अधिक सुनिश्चित होगा । हर हिन्दी-सेवी यही सोचे की हिन्दी के लिए वह क्या कर सकता है जो दूसरे नही कर सकते या नही कर पा रहे हैं। बूंद-बूंद से घड़ा भरता है।

३) कोई कहता है हिन्दी को सरल बनाना चाहिए; कोई कहता है हिन्दी का विकास किये जाना चाहिए; कोई कहता है हिन्दी को रोजगार की भाषा बनाना चाहिए; कोई कहता है हिन्दी को दूसरी भाषाओं के शब्द लेने से परहेज नहीं करना चाहिए; कोई कहता है हिन्दी में अच्छी किताबें आनी चाहिए । मैं कहता हूँ की हिन्दी के सशक्तीकरण (इम्पावरमेन्ट) की जरूरत है ; हिन्दी में बकी सब कुछ है या अपने-आप हो जायेगा।

४) जिस तरह आम जनता में, प्रिंट माध्यमों में, टीवी पर हिन्दी का बोलबाला है, अंतरजाल पर भी उसका राज स्थापित किया जाय।

५) ठोटे-छोटे नये कामों से हिन्दी का हित होगा। उदाहरण के लिये हिन्दी टेक्स्ट को ध्वनि में बदलने का एक प्रोग्राम लाखों भाषणों पर भरी पड़ेगा।

६) केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों पर जोर डाला जाय की वे जनसामान्य की भाषा हिन्दी को रोजगार से जोड़ने के लिए कदम उठाएं । लोग अंग्रेजी के पीछे इसलिये भाग रहे हैं क्योंकि देश्भाषा-द्रोही शडयन्त्रकारियों ने अचोटे-बड़े सभी रोजगारों पर उसका एकाधिकार बना कर रक दिया है।

७) केन्द्र सरकार के साथ-साथ हिन्दी प्रदेशों की सरकारें हिन्दी के बहुउपयोगी प्रोग्राम बनने के लिए धन उपलब्ध कराएँ। इसी तरह सरकार अंतरजाल पर हिन्दी का उपयोगी कंटेंट बढ़ने के लिए धन उपलब्ध कराये।

८) इलेक्ट्रानिक-शासन के इस युग में हमें अधिकाधिक सूचना हिन्दी एवं देसी भाषाओं में मंगनी चाहिए।

९) हिन्दी बाजार से जुड गयी है ; अब इसे बाज़ार पर पूर्ण कब्जा करने के लिए तैयार कीजिये ।

१०) हिन्दी भाषा में उसकी बोलियों के शब्द लीजिये। अन्य भारतीय भाषाओं के शब्द लीजिये । इससे हिन्दी भारतीय भाषाओं के समीप जायेगी । हिन्दी की स्वीकार्यता बढेगी। देश की एकता मजबूत होंगी।

११) आवश्यक होने पर विदेशी शब्द भी लीजिये लेकिन इसे अंग्रेजी का 'डस्टबिन' मत बनने दीजिये । हिंग्लिश का हर स्तर पर विरोध होना चाहिए। भाषा-साम्राज्यवादी शक्तियां परदेके पीछे से हिग्लिश को महिमामंडित करके तिल-तिल करके हिन्दी और देसी भाषाओं को भ्रष्ट करना चाह्ती हैं। इससे अंतत: हिन्दी के सम्पूर्ण लोप का की स्थिति बना दी जायेगी।

१२) अपनी भाषा की प्रगति के बिना देश की प्रगति अधूरी है। यह कहना ग़लत है की भारत की प्रगति होने पर हिन्दी भी अपने-आप सशक्त हो जायेगी। भाषा की प्रगति से देश की प्रगति होगी और देश की प्रगति से भाषा की । इसलिए यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए की भाषा और देश की प्रगति साथ-साथ हो ।

१३) हिन्दी को केवल सरकार के भरोसे छोड़ना खतरनाक होगा। हिन्दी से जब 'पब्लिक' जुड जायेगी तब इसका हित सुनिश्चित हो जाएगा। विविध क्षेत्रों के लोग हिन्दी से जुड़ें, इसका यत्न किया जाय। इससे हिन्दी में विविधता आयेगी, सृजनशीलता बढेगी, नए-नए विचार पनपेंगे, विचारों के टक्कर से व्यावहारिक विचार छानकर सामने आयेंगे।


01 September, 2008

अंतरजाल पर हिन्दी में कैरिअर मार्गदर्शन

आज जब सुबह अखबार खोला तो पता चला की ''कैरीअर दिशा'' नाम से हिन्दी में एक नया जालस्थल आरम्भहुआ है। बड़ी खुशी की बात है कि धीरे-धीरे हिन्दी में कैरिअर मार्गदर्शन का स्तर बढ़ता जा रहा है। आने वाले दिनोंमें लोग आई आई टी (जे ) , सी पी एम् टी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के बारे में उच्च कोटि की जानकारीआने की आशा की जा सकती है।


इस समय मेरी जानकारी में
कुछ कैरिअर मार्गदर्शक स्थल निम्नवत हैं:

रोजगार समाचार (हिन्दी)

योजना (हिन्दी पत्रिका)

संघ लोक सेवा आयोग (हिन्दी)

कैरिअर दिशा

कैरिअर सलाह

उचित कर्म

विजय मित्र

शिक्षा दीक्षा इन्फोर्मेशन

कैरीअर वाच

रोजगार और कैरीअर

My Own Business (Hindi)

भारत में शिक्षा सहायता


इसके अलावा लगभग सभी हिन्दी इ-पत्रों में भी रोजगार एवं कैरिअर से सम्बंधित कालम होता ही है ।