tag:blogger.com,1999:blog-10323440.post5481943748946625481..comments2024-03-12T13:12:12.393+05:30Comments on प्रतिभास: गाँवों के लिये डाक्टरों का 'निर्माण'अनुनाद सिंहhttp://www.blogger.com/profile/05634421007709892634noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-10323440.post-31727973568053971772007-12-10T20:00:00.000+05:302007-12-10T20:00:00.000+05:30पहला वर्ग ग्रामीणों का ही है. शहरी वर्ग तो बाकी बच...पहला वर्ग ग्रामीणों का ही है. शहरी वर्ग तो बाकी बचे लोगों से बन गया. स्कूलों में तो बरसों से पढ़ाया जा रहा है कि भारत गांवों में बसता है. लेकिन विडंबना है कि उन्हीं गांवों में जाकर काम करने के नाम पर डॉक्टर्स को एतराज है. आपने जो सुझाव दिए मैं उसमें यह संशोधन करना चाहूंगा कि ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने का प्रावधान कंपलसरी बना दिया जाना चाहिए और यह सब पर लागू होगा. छॉक्टर बनना है तो गांव में काम करना ही होगा वरना भूल जाओ. एक तरीका यह भी हो सकता है कि मेडिकल कॉलेज ही गावों में खोले जाएं. वहां सिर्फ ग्रामीण बच्चों को पढ़ने की सुविधा दी जाए और उन्हें गांवों में रहने के लिए शहरी डॉक्टरों से बेहतर सेलरी देकर काम भी दिया जाए. ऐसे बच्चों में अपने क्षेत्रों की वास्तविकता का ज्ञान होने के कारण काम करने की वास्तविक लगन होगी और वे इन शहरी डॉक्टरों से निस्संदेह बेहतर काम करेगे. <BR/>अनुनाद जी मैं इस संबंध में एक लेख अपने चिट्ठे पर लिख चुका हूं. दूसरा लेख शीघ्र लिखने वाला हूं और आपके यहां दिए गए सुझावों को उसमें शामिल करना चाहता हूं.यदि आपत्ति ना हो तो कृपया स्वीकृति देने का कष्ट करे. आभारी रहूंगा.Sanjay Karerehttps://www.blogger.com/profile/06768651360493259810noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-10323440.post-55220769272707695652007-12-10T19:04:00.000+05:302007-12-10T19:04:00.000+05:30अच्छे विचार है. इनके आधार पर एक सार्थक शुरवात हो स...अच्छे विचार है. इनके आधार पर एक सार्थक शुरवात हो सकती है.बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-10323440.post-1396795974513749232007-12-10T18:16:00.000+05:302007-12-10T18:16:00.000+05:30हिन्दुस्तान में जितने लोग सरकारी खर्च पर डाक्टर बन...हिन्दुस्तान में जितने लोग सरकारी खर्च पर डाक्टर बनते हैं उनके लिये गांवों मे सेवा अनिवार्य होनी चाहिये. एक डॉक्टर की ट्रेनिंग के लिये जनता का लगभग 10 से 20 लाख रुपया खर्च होता है जो इन विद्यार्थीयों की जेब से नहीं आता है. बिना यह ऋण उतारे उनको छोडना ठीक नहीं हैShastri JC Philiphttps://www.blogger.com/profile/00286463947468595377noreply@blogger.com